Anand
17 June 2024
पवन मुक्तासन एक योग है और तीन शब्दों से मिलकर बना है पवन + मुक्त + आसन = पवन मुक्तासन जिसमें पवन = वायु , मुक्त = छुटकारा और आसन = मुद्रा अथार्त इस योग की क्रिया द्वारा दूषित वायु को शरीर से मुक्त किया जाता है। इसी कारण इसे पवन मुक्तासन योग कहते हैं | ह आसन पीठ के बल लेटकर किया जाता है | और अंग्रेजी मैं इसे Gas Release pose भी कहा जाता है | आयें जानते हैं इसके लाभ और इसे कैसे किया जाए |
दूषित वायु को शरीर से निष्कासित करता है।
पवन-मुक्त आसन करने की विधि :
- सर्वप्रथम चित लेट जायें (शवासन में)।
- पैरो को पास ,हाथों को शरीर के बराबर में ज़मीन पर रख लें ,धीरे से दायें पैर को घुटने से मोड़कर ,
- दोनो हाथो की उंगलियों को आपस में फसांते हुए दाएँ घुटने के नीचे से पैर को थामिये अब ठोड़ी को घुटने से लगाइए
- फिर सिर को वापिस पीछे रखते हुए पैर को भी सीधा कर लीजिए।
- ठीक इसी तरह बायें पैर से भी दोहराईए। 4-5 बार दोनो तरफ से दोहराएँगे।
- साँस निर्देश- साँस लेते हुए पैर को थामिये और साँस को निकलते हुए ठोड़ी को घुटने से लगाइए।
- इसी आसन को दोनो पैरों से ठीक इसी तरह दोहराएँगे।
पवन-मुक्त आसन करने की सावधानी :
- कमर दर्द के रोगी गर्दन को नही उठाएँगे ,केवल पैर को ही पेट से लगाएँगे।
पवन-मुक्त आसन करने की लाभ :
- क़ब्ज़ के लिए लाभदायक ।
- वायु विकार में चमत्कारिक लाभ।
- पाचन तंत्र को मजबूत करता है ।
- पेट की चर्बी को कम करता है ।
- घुटनो में लाभ देता है।
- स्त्री रोगों में भी लाभप्रद।
Yoga with Modi : Pawanmuktasana Hindi