पवन मुक्तासन एक योग है और तीन शब्दों से मिलकर बना है पवन + मुक्त + आसन = पवन मुक्तासन जिसमें पवन = वायु , मुक्त = छुटकारा और आसन = मुद्रा अथार्त इस योग की क्रिया द्वारा दूषित वायु को शरीर से मुक्त किया जाता है। इसी कारण इसे पवन मुक्तासन योग कहते हैं | ह आसन पीठ के बल लेटकर किया जाता है | और अंग्रेजी मैं इसे Gas Release pose भी कहा जाता है | आयें जानते हैं इसके लाभ और इसे कैसे किया जाए |

दूषित वायु को शरीर से निष्कासित करता है।

पवन-मुक्त आसन करने की विधि :

  1. सर्वप्रथम चित लेट जायें (शवासन में)। 
  2. पैरो को पास ,हाथों को शरीर के बराबर में  ज़मीन पर रख लें ,धीरे से दायें पैर को घुटने से मोड़कर ,
  3. दोनो हाथो की उंगलियों को आपस में फसांते हुए दाएँ घुटने के नीचे से पैर को थामिये अब ठोड़ी को घुटने से लगाइए 
  4. फिर सिर को वापिस पीछे रखते हुए पैर को भी सीधा कर लीजिए।
  5. ठीक इसी तरह बायें पैर से भी दोहराईए। 4-5 बार दोनो तरफ से दोहराएँगे।
  6. साँस निर्देश-  साँस लेते हुए पैर को  थामिये और साँस को निकलते हुए ठोड़ी को घुटने से लगाइए।
  7. इसी आसन को दोनो पैरों से ठीक इसी तरह दोहराएँगे।

पवन-मुक्त आसन करने की सावधा‍नी :

  • कमर दर्द के रोगी गर्दन को नही उठाएँगे ,केवल पैर को ही पेट से लगाएँगे।

पवन-मुक्त आसन करने की लाभ :

  • क़ब्ज़ के लिए लाभदायक ।
  • वायु विकार में चमत्कारिक लाभ।
  • पाचन तंत्र को मजबूत करता है ।
  • पेट की चर्बी को कम करता है ।
  • घुटनो में लाभ देता है।
  • स्त्री रोगों में  भी लाभप्रद।


 

Yoga with Modi : Pawanmuktasana Hindi