मोदी जी के साथ योग : सूर्य नमस्कार

‘सूर्य नमस्कार’ का शाब्दिक अर्थ सूर्य को अर्पण या नमस्कार करना है। यह योग आसन शरीर को सही आकार देने और मन को शांत व स्वस्थ रखने का उत्तम तरीका है।

सूर्य नमस्कार १२ शक्तिशाली योग आसनों का एक समन्वय है, जो एक उत्तम कार्डियो-वॅस्क्युलर व्यायाम भी है और स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। सूर्य नमस्कार मन वह शरीर दोनों को तंदुरुस्त रखता है।

यदि आपके पास समय की कमी है, और आप चुस्त दुरुस्त रहने का कोई नुस्ख़ा ढूँढ रहे हैं, तो सूर्य नमस्कार उसका सबसे अच्छा विकल्प है।

मोदी जी के साथ योग : Dhyana Hindi

ध्यान एक क्रिया है जिसमें व्यक्ति अपने मन को चेतना की एक विशेष अवस्था में लाने का प्रयत्न करता है। ध्यान का उद्देश्य कोई लाभ प्राप्त करना हो सकता है या ध्यान करना अपने-आप में एक लक्ष्य हो सकता है। 'ध्यान' से अनेकों प्रकार की क्रियाओं का बोध होता है। इसमें मन को विशान्ति देने की सरल तकनीक से लेकर आन्तरिक ऊर्जा या जीवन-शक्ति (की, प्राण आदि) का निर्माण तथा करुणा, प्रेम, धैर्य, उदारता, क्षमा आदि गुणों का विकास आदि सब समाहित हैं।

अलग-अलग सन्दर्भों में 'ध्यान' के अलग-अलग अर्थ हैं। ध्यान का प्रयोग विभिन्न धार्मिक क्रियाओं के रूप में अनादि काल से किया जाता रहा है। 

मोदी जी के साथ योग : नाड़ीशोधन प्राणायाम

प्राण और आयाम जैसे दो शब्‍दों से मिलकर प्राणायाम बना है। इस प्राण-शक्ति का प्रवाह व्यक्ति को जीवन शक्ति प्रदान करता है। प्राणायाम करने से हमारे मन और मस्तिष्क में आने वाले बुरे विचार दूर हो जाते हैं, मन में शांति का अनुभव होता है और शरीर की कई बीमारियों का खात्मा होता है। लेकिन प्राणायाम में भी नाड़ीशोधन को प्राणायाम का राजा माना जाता है। ऐसा इसलिए क्‍योंकि नाड़ीशोधन एक प्रभावी प्राणायाम है जो मस्तिष्क, शरीर और भावनाओं को सही रखता है। 'नाड़ी' शब्द का अर्थ है, 'शक्ति का प्रवाह' और 'शोधन' का 'शुद्ध करना'। इसलिए इसका अर्थ वह अभ्यास जिससे शरीर में मौजूद सभी नाड़ियों का शुद्धिकरण होता है। नाड़ीशोधन

मोदी जी के साथ योग : सेतुबंधासन

भूमि पर सीधे लेट जाइए। दोनों घुटनों को मोड़कर रखिए। कटिप्रदेश को ऊपर उठा कर दोनों हाथो को कोहनी के बल खड़े करके कमर के नीचे लगाइये। अब कटि को ऊपर स्थिति रखते हुए पैरों को सीधा किजिए। कंधे व सिर भूमि पर टिके रहें। इस स्थिति में 6-8 सेंकण्ड रहें। वापस आते समय नितम्ब एवं पैरों को धीरे-धीरे जमीन पर टेकिए। हाथो को एकदम कमर से नहीं हटाना चाहिये। शवासन में कुछ देर विश्राम करके पुनः अभ्यास को 4-6 बार दोहराएं।

मोदी जी के साथ योग : पवन मुक्त आसन

पवन मुक्तासन एक योग है और तीन शब्दों से मिलकर बना है पवन + मुक्त + आसन = पवन मुक्तासन जिसमें पवन = वायु , मुक्त = छुटकारा और आसन = मुद्रा अथार्त इस योग की क्रिया द्वारा दूषित वायु को शरीर से मुक्त किया जाता है। इसी कारण इसे पवन मुक्तासन योग कहते हैं | ह आसन पीठ के बल लेटकर किया जाता है | और अंग्रेजी मैं इसे Gas Release pose भी कहा जाता है | आयें जानते हैं इसके लाभ और इसे कैसे किया जाए |

दूषित वायु को शरीर से निष्कासित करता है।

मोदी जी के साथ योग : शलभासन

शलभासन करने की विधि :

  1. सर्वप्रथम पेट के बल लेट जाएँगे । 
  2. पैरो को पास रखेंगे और हाथों की मुत्ठियाँ बनाकर जांघों के नीचे रखेंगे। 
  3. अब दोनो पैरो को साँस लेते हुए उपर उठाइए ।
  4. धीरे से वापिस लाइए ।
  5. 5 बार इसी  तरह दोहरायें ।
  6. ध्यान रखिएगा पैरो को उपर ले जाते समय घुटने से सीधा रखेंगे।

शलभासन करने की साबधानियाँ :

हर्निया ,आँतों की गंभीर समस्या व हृदय रोगी इस अभ्यास को न करें।

मोदी जी के साथ योग : भुजंगासन

भुजंगासन को कोबरा पोज़ भी कहा जाता है क्योंकि इसमें शरीर के अगले भाग को कोबरा के फन के तरह उठाया जाता है। भुजंगासन की जितनी भी फायदे गिनाए जाएं कम है। भुजंगासन का महत्व कुछ ज्यादा ही है क्योंकि यह सिर से लेकर पैर की अंगुलियों तक फायदा पहुंचाता है। अगर आप इसके विधि को जान जाएं तो आप सोच भी नही सकते यह शरीर को कितना फायदा पहुँचा सकता है।  

भुजंगासन के लाभ

मोदी जी के साथ योग : वज्रासन

वज्र का अर्थ होता है कठोर। इसीलिए इसका नाम वज्रासन है क्योंकि इसे करने शरीर मजबूत और स्थिर बनता है। यही एक आसन है, जिसे भोजन के बाद भी कर सकते हैं। इसके अभ्यास से पाचन शक्ति को बढ़ाने में मदद मिलती है। जठराग्नि प्रदीप्त होती है, उदर वायु विकार दूर होते हैं।रीढ़ की हड्डी और कंधे सीधे होते हैं और शरीर में रक्त-संचार सही ढंग से होता है। यह टांगों की मांसपेशियों को भी मजबूत बनाता है। साथ ही गैस और कब्ज की समस्या नहीं होती है।

यह ध्यानात्मक आसन हैं। मन की चंचलता को दूर करता है। भोजन के बाद किया जानेवाला यह एक मात्र आसन हैं।

मोदी जी के साथ योग : वक्रासन

वक्रासन दो शब्दों के मेल से बना है, वक्र जिसका अर्थ है मुड़ा हुआ और आसन जिसका अर्थ है योग मुद्रा। पहले, वक्रासन अर्धमत्स्येन्द्रासन का एक सरलीकृत रूप था। वक्रासन लचीले योग पोज में से एक है जहां रीढ़ की हड्डी के क्षेत्र में घुमाव देखा जाता है और इसे मुड़ी हुई मुद्रा या बैठा हुआ मोड़ योग मुद्रा भी कहते है।

मोदी जी के साथ योग : उष्ट्रासन

उष्ट्रासन की अंतिम अवस्था में पहुंचने के बाद हमारे शरीर की आकृति कुछ-कुछ ऊंट के समान प्रतीत होती है, इसी कारण इसे उष्ट्रासन कहते हैं। यह आसन वज्रासन में बैठकर किया जाता है। उष्ट्रासन शरीर के अलगे भाग को लचीला और मजबूत बनाता है। इस आसन से छाती फैलती है और फेफड़ों की कार्यक्षमता में बढ़ोतरी होती है। मेरुदंड एवं पीठ को मजबूत और सुदृड़ बनाने के लिए भी इस आसन का अभ्यास किया जाता है। गले संबंधी रोग में भी यह आसन लाभदायक है। उदर संबंधी रोग, जैसे कांस्टीपेशन, इनडाइजेशन, एसिडिटी रोग निवारण में इस आसन से सहायता मिलती है। गले संबंधी रोगों में भी यह आसन लाभदायक है।

मोदी जी के साथ योग : भद्रासन

पीएम मोदी ने अपने इस वीडियो में भद्रासन करने का तरीका और इसके फायदों के बारे में बात की है। यह आसन शरीर के साथ ही मन पर भी नियंत्रण करने में मदद करता है। जिन लोगों को ध्यान लगाने में परेशानी होती है,उन्हें यह आसन जरूर करना चाहिए। भद्रासन घुटनों को मजबूत बनाता है और लंबे समय तक इसे करने पर घुटनों और जांघों से संबंधित परेशानियां व्यक्ति को नहीं झेलनी पड़ती हैं। 

मोदी जी के साथ योग : पादहस्तासन

पादहस्तासन के फायदे -
पादहस्तासन के अनेक फायदे होते हैं। यह दिखने में तो एक सरल सा आसन लगता है किंतु यह आपके शरीर के कई हिस्सों को प्रभावित करता है।
1.    मस्तिष्क को शांत करता है और तनाव व हल्के डिप्रेशन में राहत देने में मदद करता है।
2.    जिगर और गुर्दों के बेहतर कार्य पद्धति में मदद करता है।
3.    हैमस्ट्रिंग, पिंडली, और कूल्हों में ज़रूरी खिचाव पैदा करता है।
4.    जांघों को मज़बूत करता है।
5.    पाचन में सुधार लाता है।

मोदी जी के साथ योग : अर्धचक्रासन

इसमे शरीर आधा चक्र बनाता है इसलिए इसे अर्धचक्रासन कहते हैं। यह शरीर को संपूर्ण लाभ पहुंचाता है। इस आसन में सबसे अहम हमारी सांस लेने की क्रिया पर जोर देना होता है। इसकी एक वजह यह है कि अर्ध चक्रासन के दौरान सांस की गति में हेरफेर होने से हमारे स्वास्थ्य पर इसका गहरा असर पड़ सकता है। इसे सामान्यतः विशेषज्ञ की देखरेख की जरूरत नहीं पड़ती। बावजूद इसके इसमें लापरवाही बरतना सही नहीं है। इस आसन के तहत अपने पोस्चर का ख्याल रखना आवश्यक है। गलती करने से हड्डी पर असर दिखता है। यहां तक कि कमर को पीछे की ओर ज्यादा मोड़ने की कोशिश भी खतरनाक साबित हो सकती है। यह रीढ़ की हड्डी को प्रभावित कर सकता है।

मोदी जी के साथ योग : वृक्षासन

वृक्षासन का अर्थ है वृक्ष के समान मुद्रा. इस आसन को खड़े होकर किया जाता है. नटराज आसन के समान यह आसन भी शारीरिक संतुलन के लिए बहुत ही लाभप्रद है

मोदी जी के साथ योग: ताड़ासन

शरीर की लम्बाई बढ़ाने और मांसपेशियों को लचीला बनाने के लिए इस आसन का प्रयोग किया जाता है | ताड़ासन का संधि विच्छेद करने पर यह – ताड़ + आसन शब्दों से बना होता है | यहाँ ताड़ का अर्थ ताड़ के पेड़ से है और आसन का अर्थ योग आसन से है | अत: शाब्दिक अर्थो से समझें तो जो आसन शरीर को ताड़ के पेड़ की तरह लम्बा करने में मदद करे या जिसे अपनाने से ताड़ के पेड़ की आकृति बनती हो उसे ताड़ासन कहा जाता है | वैसे संस्कृत में ताड़ को पर्वत का पर्यायवाची भी कहा जाता है , जो लम्बाई का प्रतिक होता है |

मोदी जी के साथ योग : त्रिकोणासन

त्रिकोण आसन  का अभ्यास खड़ा रहकर किया जाता है.यह आसन  पार्श्व कोणासन से मिलता जुलता है.इस योग से हिप्स, पैर, टखनों, पैरों और छाती का व्यायाम होता है.यह मु्द्रा कमर के लिए भी लाभप्रद है.इस मुद्रा का अभ्यास किस प्रकार करना चाहिए.इस मुद्रा की अवस्था क्या है एवं इससे क्या लाभ मिलता है आइये इसे देखें.